'पृथ्वीराज रासो' का 'रेवा तट'
'पृथ्वीराज रासो' के 'रेवा तट' सर्ग का कथानक: 'रेवा तट' पृथ्वीराज रासो का 27वां सर्ग है। इसमें पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी की लड़ाई का वर्णन है। गोरी को जब पता चलता है कि चौहान रेवा तट पर शिकार करने गया है तभी वह अपनी सेना के साथ चौहान पर आक्रमण कर देता है। किंतु चौहान उसकी सेना को छिन्न भिन्न कर गोरी को बंदी बना लेता है। चामण्ड राय चैहान का सेनापति है जो देवगिरी पर विजय प्राप्त करता है। चामण्ड राय ने ही चैहान से रेवा तट पर शिकार करने को कहा था क्योंकि वहाँ बड़े-बड़े दाँत वाले बहुत-सी ऐराव हाथियाँ और सिंह पाए जाते हैं। कस्तूरी मृग, कबूतर तथा अन्य पक्षियां भी पाए जाते हैं। यह सुनकर चौहान 'रेवा तट' की ओर प्रस्थान कर दिया। रेवा तट पर ही चौहान को लाहौर के शासक चंद पुंडीर दाहिम का एक पत्र मिला जिसमें लिखा था कि गोरी चौहान पर आक्रमण करने के लिए एक बड़ी सेना तैयार कर ली है। पुंडीर का पत्र पढ़कर चौहान लाहौर की तरफ बढ़ गए। चैहान ने सभी सामंतों से गोरी के खिलाफ युद्ध में शामिल होने का आह्वान किया। चंद पुंडीर ने गोरी को रोकने के लिए लाहौर में अपनी सेना तैयार कर दी। ...
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